ई-रिक्शा: एक सहायक साधन या ट्रैफिक के लिए बाधा?
ई-रिक्शा का उद्देश्य जब ई-रिक्शा को लाया गया था, तब इसका उद्देश्य था—आम आदमी को सस्ता, सुलभ और ग्रीन ट्रांसपोर्ट देना। बहुत से ऐसे स्थान जहां बस या मेट्रो नहीं पहुंचती, वहां ई-रिक्शा लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ। इसके अलावा, इसने हजारों लोगों को रोज़गार भी दिया है, खासकर उन लोगों को जो पढ़े-लिखे नहीं हैं लेकिन मेहनत करना जानते हैं। असलियत में परेशानी जैसा कि मैं रोज़ देखता हूं—ई-रिक्शा सड़क पर गलत दिशा में चलाना, बीच सड़क पर अचानक रुक जाना, बिना किसी नियम के सवारी चढ़ाना-उतारना, और तंग गलियों में ट्रैफिक को जाम करना अब आम बात हो गई है। हर रोज़ घर लौटते समय ऐसा लगता है जैसे जाम में फँसना तय है—क्योंकि हर मोड़, हर बाजार, हर चौक पर दर्जनों ई-रिक्शा ऐसे खड़े होते हैं मानो सड़क उनकी जागीर हो। असली समस्या क्या है? 1.ई-रिक्शा की समस्या का असली कारण इसका अनियंत्रित संचालन है। 2. ज़्यादातर ड्राइवरों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी नहीं होती, 3. ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता, 4. ना ही उन्हें किसी प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है। 5. ऊपर से, कोई तय रूट, पार्किंग ज़ोन या रेग्युलेशन भी नही...