हिन्दुस्तानी 🔥


               पसीने से भी डरते थे गोरे हिंदुस्तानियों के

ना डरते थे ना घबराते थे

फ़ौलादी थे सीने उनके दुश्मन को पीस देते थे

रख कंधों पर हाथ सबको ये सिखलाया था

तिरंगा जान से प्यारा है दुश्मन को बतलाया था

बाँध कफ़न माथे पर वंदे मातरम गया था

सीना चौड़ा हुआ उस दिन जब गोरों को भगाया था

यू ही नहीं मिली आज़ादी

वीरों ने खून बहाया था

माँ भारती के लालो ने हंसकर मोत को गले लगाया था

आज का युवा क्या समझेगा कुर्बानी को

एक तिरंगे के लिए लाखों ने खून बहाया था

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