सही निर्णय की तलाश हमें गलत निर्णय की तरफ क्यों ले जाती है?


हम सभी जीवन में सही निर्णय लेने की कोशिश करते हैं। लेकिन अक्सर सही की तलाश में हम उलझ जाते हैं और गलत निर्णय ले बैठते हैं। इसकी वजह यह है कि सही और गलत का पैमाना हर व्यक्ति के अनुभव, परिप्रेक्ष्य और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। सही निर्णय की तलाश में हम अक्सर केवल परिणामों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, प्रक्रिया पर नहीं। इसी भागदौड़ में हम अपने भीतर की आवाज़ को अनसुना कर देते हैं।

जब हम सही निर्णय की तलाश में होते हैं, तो हम अपनी उम्मीदों और समाज के मानदंडों के बोझ तले दब जाते हैं। हर व्यक्ति का जीवन अनोखा होता है, और सही निर्णय भी व्यक्तिगत होता है। सही को परिभाषित करने की कोशिश में हम अपने मूल्यों, इच्छाओं और आत्म-विश्वास को भूल जाते हैं।

सही निर्णय की तलाश हमें आत्म-निरीक्षण का अवसर देती है। गलतियाँ हमें सीखने का मौका देती हैं। सही और गलत निर्णय केवल अनुभव की कहानियाँ हैं, जो हमें अपने आप को बेहतर तरीके से समझने का मौका देती हैं। इसलिए, सही निर्णय की तलाश में कभी-कभी गलत निर्णय लेना भी ज़रूरी है, क्योंकि यही तो जीवन का पाठ है।


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