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Showing posts from July, 2023

Friendship Day

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     International Friendship Day History The concept of Friendship Day was first proposed in Paraguay in 1958. Since then, the day has evolved and gained recognition on a global scale. The International Day of Friendship follows the proposal made by UNESCO. The initiative was adopted by the UN General Assembly in 1997. The International Day of Friendship was proclaimed by the UN General Assembly in 2011. The United Nations officially declared July 30 as International Friendship Day, which has been celebrated enthusiastically in many countries ever since. The day highlights the power of friendship in promoting peace, understanding, and unity among people and communities worldwide. Back International Friendship Day 2023: From history, theme to significance, all you need to know 2 min read   29 Jul 2023, 10:41 AM IST Edited By  Fareha Naaz International Friendship Day celebrated on July 30, cherishes the bond of friendships that enrich our lives. International Friendship Day, celebrated

IAS Aspirant Sandeep

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 IAS Aspirant #sandeep  संदीप का सपना एक छोटे से गांव के उत्साही लड़के संदीप का सपना था कि वह अपने गांव की सेवा करें और अपने लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएं। वह एक IAS अधिकारी बनकर लोगों की मदद करने का इरादा रखता था। परंतु, इस सपने को पूरा करने के लिए उसे कई बड़े चुनौतियों का सामना करना पड़ा। असफल प्रयास संदीप ने अपने सपने को पाने के लिए अब तक चार बार UPSC परीक्षा दी, लेकिन हर बार असफल रहा। लोग उसे मजाक बनाने लगे थे, उनकी समर्थना बढ़ती हो रही थी, और उसे निराशा का सामना करना पड़ रहा था। परंतु संदीप आत्मविश्वास से नहीं हारा और उसने निरंतर अपनी तैयारी जारी रखी। समर्थन की ताकत उसके परिवार का समर्थन और मित्रों का साथ संदीप के लिए एक मोटी समर्थन की ताकत बन गया। वे उसे निरंतर प्रोत्साहित करते रहे, उसकी मानसिक ताकत बनाए रखते और उसे असफलता के दर्द से उबरने में मदद करते। संदीप ने उनके समर्थन के बिना तो कभी इस सफलता तक का सफर सोच भी नहीं सकता था। पाँचवीं और उच्चतम परीक्षा अंततः, पाँचवीं बार UPSC परीक्षा के लिए संदीप ने तैयारी की और इस बार उसका समय आ गया था। वह पूरी नियमितता और लगन से पढ

वीरानी रातें

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  वीरानी रातें  अनुकूल की दोपहर सूरज अपने आधे अवतार में आसमान के ऊपर उठा था। धरती की सांसें थम गई थीं, क्योंकि प्रकृति की गोद में सोने वाली वीरानी रातें अपने समाप्ति के करीब आ रही थीं। गांव के लोग अपने घरों में चले गए थे, अपने-अपने कामों में लिप्त हो गए थे। अधिकांश लोग इस अनुकूल के आगमन के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए सिर्फ एक किशोर लड़के ने उसे देखने के लिए वक्त निकाला। इस किशोर का नाम था रवि। वह दरियापुर गांव में रहता था और उसके पिता एक छोटे से किराना दुकान के मालिक थे। रवि को समुद्र और तारों से बहुत मोहब्बत थी। वह रोज़ रात को आसमान को देखकर खो जाया करता था, जब नक्षत्रों और चाँद की रौशनी धरती को आँखों में भर देती थी। वह वीरानी रातों में भी समुद्र के लहरों की ध्वनि को सुनकर खुश हो जाता था। उसे लगता था कि उस ध्वनि में कुछ खास बात है, जो उसके दिल को छू जाती है। वह समय समय पर समुद्र के किनारे जाता और वहां बैठकर धीरे से समुद्र की लहरों के साथ अपनी बातचीत करने लगता। वह मानता था कि समुद्र उसके सभी राजों को सुन रहा है और उसके साथ बातें कर रहा है। एक रात, जब वह वीरानी रातों में समुद्र के किनारे ज

चंद्रयान तृतीय (Chandrayaan-3)

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Mission Chandrayaan-3 Power: Propulsion Module: 758 W  Lander Module: 738W, WS with Bias Rover: 50W Rocket: LVM3 M4 चंद्रयान तृतीय के बारे में जानकारी  चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा निर्मित और प्रबंधित एक अंतरिक्ष मिशन है। यह भारत का तीसरा चंद्रयान मिशन है, जो चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर अध्ययन करके उसके बारे में नई जानकारी प्राप्त करना है। चंद्रयान-3 ने चंद्रयान-2 की पूर्णता करने का उद्देश्य रखा है, जो 2019 में लॉन्च किया गया था लेकिन उसका लैंडर विक्रम मुख्य उपग्रह के साथ संपर्क नहीं कर पाया था। चंद्रयान-3 में भारत द्वारा एक लैंडर और एक रोवर शामिल होने की योजना है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरकर वैज्ञानिक और अंतरिक्ष जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इस मिशन में चंद्रयान-3 एक ग्रहण उपग्रह के रूप में उपयोग किया जाएगा, जो चंद्रमा के साथ संपर्क स्थापित करेगा और उससे डेटा और जानकारी को संग्रहीत करेगा। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर भूमि पर उतरेंगे और वैज्ञान

दिल्ली का बुरा हाल ; यमुना बैंक मैट्रो स्टेशन और आस पास के इलाकों में River Rafting और Boating करते नजर आये लोग 😂😂

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दिल्ली में बाढ़: अप्रत्याशित प्रकृतिक आपदा की चुनौती भारत की राजधानी दिल्ली में आए दिनों में बाढ़ की स्थिति गंभीर रूप ले चुकी है। मानसूनी बारिशों के दौरान बढ़ते हुए जलस्तर और उच्च प्रवाह ने शहर को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह आपदा न केवल मानवीय जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि बचाव और सुरक्षा की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। इस लेख में हम दिल्ली में बाढ़ की प्रकृति, परिणाम और उससे निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई पर चर्चा करेंगे। दिल्ली के बाढ़ की वजह स्वाभाविक बारिश है, जो अक्टूबर से सितंबर महीनों में मानसून के साथ आती है। इस बार के मौसमी प्रक्रिया के दौरान, दिल्ली और उसके आसपास क्षेत्रों में अधिकतम बारिश की जांच की गई है। इसके परिणामस्वरूप, शहर में नदियों, नालों और तालाबों के जलस्तर बढ़ गए हैं और यहां तक कि कई सड़कें और इमारतें भी पानी में डूबने लगी हैं। जनसंख्या के आधार पर, लाखों लोगों को घरों से बाहर निकलने की ज़रूरत पड़ी है और अस्पतालों में इलाज की आवश्यकता हो रही है। इस आपदा के परिणामस्वरूप, दिल्ली के निवासियों को ख़तरे से निपटने के लिए कठिनाइयां झेलनी पड़ रही हैं। ज़्

क्या कारण है दिल्ली में हल्का जल भराव भी व्यवस्था बिगाड़ देता हैं , दिल्ली में बाढ़ के बावजूद भी लोंगो के साहस को सलाम 👏👏

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 ज़िंदगी से भरी दिल्ली नगरी में आए एक आपदा के कहर की कहानी हमारे सामने है। भारत की राजधानी, दिल्ली, एक अभूतपूर्व बाढ़ की चपेट में है। मानसूनी बारिशों ने सड़कों को तेज़ धाराओं वाले नदियों में बदल दिया है, और जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, जो नागरिकों की सुरक्षा और बेहतरीनी को ख़तरे में डाल रहा है। आज हम लेकर आए हैं दिल्ली की इस आपदा की भयानक कहानी, जहां उच्च जल प्रवाह और बाढ़ की वजह से नगर को अंधकार में डाल दिया गया है। हम सभी इस आपदा के मध्य बने हुए दुर्घटना के माध्यम से चलेंगे, इस नाटक के मुख्य अभिनेताओं की मेहनत और संघर्ष को देखेंगे, और प्रशासनिक और स्वयंसेवकों के प्रयासों को साझा करेंगे, जो प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। यह दिल्ली के इस दलदल से जुड़ी कहानी है, जहां आपातकाल के बावजूद भी लोगों की सहनशीलता और आगे बढ़ने की इच्छा को देखा जा सकता है। चलिए आइए "बढ़ती जलवायु: दिल्ली का मौसम" के नाम से ज़िंदगी की इस यात्रा में हिस्सा लें।  हमारी यात्रा उस आवाज़ में शुरू होती है जो शहर को घेर रहे प्रवाही जल से भरे पानी की है। एकदिवसीय चंदनी रात में, जो कभी गतिशील